चमत्कारी पौधा: क्या यह पौधा सांप के जहर को मिनटों में बेअसर कर सकता है?

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Posted On:Tuesday, August 12, 2025

मुंबई, 12 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन) भारत में, जहाँ हर साल सर्पदंश से हजारों मौतें होती हैं, एक साधारण जंगली पौधे ने उम्मीद की एक नई किरण जगाई है। ककोड़ा (जिसे कंकोल, कंटोला, या कटरल के नाम से भी जाना जाता है) नामक इस पौधे में कथित तौर पर ऐसे गुण हैं जो सांप के जहर को कुछ ही मिनटों में बेअसर कर सकते हैं। यह खोज पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान और आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान का एक अनूठा संगम है, जो सर्पदंश के उपचार में एक नए अध्याय की शुरुआत कर सकता है।

क्या है यह चमत्कारी पौधा?

ककोड़ा एक लता वाला पौधा है जो आमतौर पर भारतीय गांवों में जंगली रूप में उगता है। सदियों से, इसका उपयोग पारंपरिक हर्बल उपचारों में किया जाता रहा है, लेकिन इसके विष-विरोधी गुणों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। यह पौधा गर्म और नम जलवायु में पनपता है और इसके कांटेदार फल का उपयोग अक्सर भारतीय व्यंजनों में सब्जी के रूप में किया जाता है।

कैसे काम करता है यह पौधा?

आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार, ककोड़ा की पत्तियों और जड़ों में सबसे अधिक औषधीय गुण होते हैं। सर्पदंश की स्थिति में, इसकी ताजी पत्तियों को पीसकर एक पेस्ट बनाया जाता है और काटे हुए स्थान पर लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह जहर के प्रसार को धीमा कर देता है और तुरंत अपनी कार्रवाई शुरू कर देता है। इसके अतिरिक्त, पत्तियों का रस शरीर की आंतरिक प्रतिरक्षा प्रणाली को जहर के खिलाफ लड़ने में मदद करने के लिए भी दिया जा सकता है। सूखे पत्तों और जड़ों से बने पाउडर का उपयोग भी पारंपरिक दवाओं में विष के लक्षणों की तीव्रता को शांत करने के लिए किया जाता है।

वैज्ञानिक प्रमाण 🔬

मल्लिगे कॉलेज ऑफ फार्मेसी के कुंतल दास ने इस पौधे के जैव-सक्रिय घटकों पर शोध किया है और पाया है कि ककोड़ा की जड़ में विष-विरोधी गतिविधियाँ होती हैं। उनका शोध सदियों से पारंपरिक चिकित्सा में पौधे के उपयोग को वैज्ञानिक आधार प्रदान करता है। रिपोर्टों के अनुसार, पेस्ट का शीघ्र उपयोग पांच मिनट के भीतर जहर को बेअसर करना शुरू कर सकता है।

मानसून में बढ़ते सर्पदंश के मामले 🌧️

मानसून के आगमन के साथ, भारत में सर्पदंश के मामलों में तेजी से वृद्धि होती है। बारिश के कारण सांप अपने प्राकृतिक आवासों से बाहर निकलकर इंसानी बस्तियों में शरण लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं। ऐसे में, ककोड़ा जैसे पौधे प्राथमिक उपचार के रूप में जीवन रक्षक साबित हो सकते हैं, खासकर उन दूरदराज के इलाकों में जहाँ चिकित्सा सहायता तुरंत उपलब्ध नहीं होती है।

चेतावनी ⚠️

हालांकि ककोड़ा सर्पदंश के लिए एक आशाजनक प्राथमिक उपचार हो सकता है, लेकिन इसे चिकित्सीय उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। गंभीर सर्पदंश के मामलों में तत्काल चिकित्सकीय सहायता लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पौधा विशेषज्ञों के आने तक एक अमूल्य प्राथमिक रक्षा पंक्ति के रूप में काम कर सकता है, लेकिन यह अस्पताल में उचित एंटी-वेनम उपचार की जगह नहीं ले सकता है।

यह खोज हमें प्राचीन हर्बल चिकित्सा के महत्व की एक शक्तिशाली याद दिलाती है और यह दर्शाती है कि प्रकृति के पास अक्सर हमारी कुछ सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान होता है। ककोड़ा जैसे पौधों पर और अधिक शोध सर्पदंश के उपचार में क्रांति ला सकता है और अनगिनत लोगों की जान बचा सकता है।


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