नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 28 दिसंबर की सुबह हजरत निजामुद्दीन जाने वाली दक्षिण एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे में भीड़-भाड़ के बीच चार चोरों ने 25 वर्षीय फार्म वर्कर की बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी। मृतक शुशांक रामसिंह राज उत्तर प्रदेश के झांसी का रहने वाला था और अपने दोस्त कपिल कुमार के साथ यात्रा कर रहा था। यह घटना सुबह 3:30 बजे हुई, जब ट्रेन में यात्री सो रहे थे, और घटना के कुछ घंटों बाद नागपुर पहुंचने पर इस घटना का पता चला।
घटना के बाद रेलवे पुलिस फोर्स ने वर्धा के पास ट्रेन से चार संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों में सैय्यद समीर, मोहम्मद फैयाज हसीमुद्दीन, एम. शाम कोटेश्वर राव और एक नाबालिग शामिल हैं। इन आरोपियों ने पीड़ित की जेब से पैसे और मोबाइल फोन चुराने की कोशिश की थी, जिसके बाद इस हत्या की घटना को अंजाम दिया गया।
घटना के समय शुशांक और उसके दोस्त कपिल शौचालय के पास सो रहे थे। चोरी के प्रयास के दौरान कुमार की प्रतिक्रिया ने अन्य यात्रियों को सतर्क कर दिया था, जिससे आरोपियों ने गुस्से में आकर शुशांक पर हमला कर दिया। हमलावरों ने लगभग 30 मिनट तक शुशांक की जमकर पिटाई की, जिससे उसे गंभीर आंतरिक चोटें आईं। सुबह 6:30 बजे जब शुशांक बाथरूम गया, तो उसने खून की उल्टी की और बेहोश हो गया।
इस घटना की जानकारी एक पैंट्री कार अटेंडेंट ने दी, जिससे रेलवे सुरक्षा बल को वर्धा के पास संदिग्धों को गिरफ्तार करने में मदद मिली। संदिग्ध सिकंदराबाद से ट्रेन में चढ़े थे और नागपुर में उतरने की योजना बना रहे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए ट्रेन को नागपुर स्टेशन पर 90 मिनट तक रोका गया, ताकि फॉरेंसिक एविडेंस एकत्र किया जा सके।
रेलवे के अधिकारियों ने शुशांक के परिजनों के लिए 1.5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इस घटना ने यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं और रेलवे प्रशासन के लिए एक नई चुनौती पैदा की है, खासकर लंबी दूरी की ट्रेनों में सुरक्षा को लेकर।