नागपुर न्यूज डेस्क: यशोधरा नगर के ईंट-भट्ठी चौक, बिनाकी ले-आउट रोड पर शनिवार दोपहर बड़ा हड़कंप मच गया, जब भाजपा वार्ड अध्यक्ष सचिन उर्फ सोनू ओमप्रकाश शाहू (45) की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। मौके पर मौजूद लोगों में से कोई भी बीच में आने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। वारदात होते ही आरोपी वहां से फरार हो गए। सूचना मिलते ही यशोधरानगर पुलिस, डीसीपी निकेतन कदम और क्राइम ब्रांच की टीम भारी पुलिस बल के साथ पहुंची। शुरुआती जांच में मुख्य आरोपी के रूप में सोनू सरदार का नाम सामने आया, जिसे हिरासत में ले लिया गया है, जबकि बाकी आरोपी अभी फरार हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सचिन शाहू अपने परिवार के साथ रहता था, जिसमें पत्नी, दो बेटे, माता-पिता और भाई शामिल हैं। गणेश उत्सव के समय सचिन और सोनू सरदार के बीच हुए विवाद ने बस्ती में तनाव बढ़ा दिया था। आरोप है कि सोनू के बेटे और कुछ युवकों ने सचिन के घर के पास खड़ी गाड़ियों पर पत्थर फेंके थे, जिसका विरोध करने पर सोनू सरदार साथियों के साथ वहां पहुंचा और शाहू परिवार पर हमला कर दिया था। केस की शिकायत तो की गई, लेकिन सिर्फ एनसी दर्ज होने से आरोपियों के हौसले और बढ़ गए। बाद में समझौता तो हुआ, लेकिन विवाद पूरी तरह खत्म नहीं हुआ।
स्थानीय लोगों के अनुसार सचिन हमेशा मदद को आगे रहने वाला इंसान माना जाता था, जबकि सोनू सरदार इलाके में तनाव फैलाने के लिए कुख्यात था। लोगों का कहना है कि अगर शुरुआत में ही पुलिस ने सख्त कदम उठा लिया होता, तो यह घटना शायद टल सकती थी। वारदात के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के घरों के पास सुरक्षा बढ़ा दी है। लेकिन शुरुआती कार्रवाई पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि आखिर इतनी गंभीर स्थिति में भी पुलिस की प्रतिक्रिया धीमी क्यों रही।
सबसे दर्दनाक बात यह है कि शनिवार को सचिन अपने छोटे बेटे प्रीत के पहले जन्मदिन का केक लेने निकला था। इसी दौरान गुरुकुल एजुकेशन एकेडमी के बाहर तीन लोगों ने रॉन्ग साइड से बाइक दौड़ाते हुए उसे घेर लिया। बताया जा रहा है कि ये आरोपी करीब तीन घंटे से उसकी रेकी कर रहे थे। उन्होंने सचिन पर करीब 10 वार किए और मौके से भाग निकले। सोनू सरदार पर लंबे समय से ब्याजखोरी और विवादित संपत्तियों में सेटिंगबाजी करने का आरोप है। सचिन का उसके खिलाफ आवाज उठाना ही दोनों के बीच की दुश्मनी को और गहरा करता गया।