नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी और हवाला रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पहले इस प्रकरण में 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। अब गिरोह के कथित मास्टर माइंड अभिषेक विश्वकर्मा (20) और उसका साथी रोहित अहीर (29) को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया गया। बुधवार को दोनों आरोपियों को नागपुर लाकर न्यायालय में पेश किया जाएगा। इनकी गिरफ्तारी से आरोपियों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है।
जांच में पता चला है कि यह गिरोह नौकरी के झांसे, निवेश योजनाओं और "डिजिटल अरेस्ट" जैसे फर्जी वादों के जरिए लोगों को ठगता था। ठगी की रकम क्रिप्टो करेंसी और हवाला नेटवर्क के जरिए चीन, हांगकांग और इंडोनेशिया जैसे देशों में भेजी जाती थी। गिरोह का नेटवर्क भारत के 21 राज्यों में फैला हुआ था और कुल लेन-देन की राशि 21 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है।
नागपुर पुलिस ने आरोपियों से लगभग 1.8 करोड़ नकद, 1.5 किलोग्राम सोना और एक बीएमडब्ल्यू कार जब्त की है। इसके अलावा, आरोपियों के 53 लाख रुपए बैंक खातों में फ्रीज किए जा चुके हैं। क्राइम ब्रांच के उपायुक्त राहुल माकणीकर ने बताया कि मुख्य मास्टर माइंड की गिरफ्तारी से अब पूरे गिरोह के फर्जीवाड़े की सही तस्वीर सामने आएगी।
इस गिरोह में पहले से गिरफ्तार 23 आरोपियों में रोहित कांबले, सोहेल सलीम खान, अश्विन भार्गव, अनिलकुमार सर्वेश्वर, सुशांत राऊत, श्रेयस मस्के सहित अन्य शामिल हैं। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और ओडिशा से गिरफ्तार किए गए आरोपियों से कुल 17.47 लाख रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की गई थी। पुलिस अब इस अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी नेटवर्क के अन्य हिस्सों की भी तहकीकात कर रही है।