नागपुर न्यूज डेस्क: बोगस शालार्थ आईडी घोटाले में मुख्य आरोपी और पूर्व शिक्षाधिकारी चिंतामन वंजारी को अदालत ने जमानत दे दी है। वंजारी के वकील दीपेन जाधव ने दावा किया कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है और प्रारंभिक जांच में उनका नाम केवल औपचारिकता के लिए आया था। अदालत ने कहा कि वंजारी को सुनवाई से पहले जेल में रखना सुनवाई से पूर्व सजा देने के बराबर होगा, इसलिए उन्हें जमानत दी गई।
जांच एजेंसी ने इस मामले में 2,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है और अदालत ने कहा कि पूरी सुनवाई में लंबा समय लगेगा। सरकारी वकील प्रियंका कवाडे ने वंजारी की जमानत का विरोध किया और कहा कि इस घोटाले में शिक्षकों की गैरकानूनी नियुक्ति के जरिए सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान पहुँचाया गया।
वहीं, इसी प्रकरण में आरोपी वेतन अधिकारी नीलेश वाघमारे को पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। इस मामले में जांच और सुनवाई दोनों ही लंबी चलने की संभावना है।
अदालत के निर्णय से वंजारी को राहत मिली है, लेकिन मामले में अन्य आरोपियों की जांच और कार्रवाई अभी जारी है। आर्थिक अपराध से जुड़े इस घोटाले की तह तक पहुंचने के लिए संबंधित एजेंसियां पूरी तरह सक्रिय हैं।