नागपुर न्यूज डेस्क: मऊ के दोहरीघाट थाना क्षेत्र में शुक्रवार की रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें महाराष्ट्र के नागपुर स्थित कविकुल गुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. हरेराम त्रिपाठी और उनकी पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। कुसुम बाजार के पास गोरखपुर हाईवे पर उनकी कार एक खड़े ट्रक से टकरा गई। हादसे में चालक को हल्की चोटें आई हैं। स्थानीय लोगों ने घायलों को कार से बाहर निकाला, लेकिन तब तक दंपत्ति की जान नहीं बचाई जा सकी। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार, हादसा मऊ जिले से देवरिया जाते समय हुआ। चालक ने पुलिस को बताया कि कार चलाते समय उन्हें नींद आ गई थी और उन्होंने वाहन की स्टेयरिंग कुलपति को दे दी। तेज रफ्तार में कार खड़े ट्रक से टकरा गई। डॉ. त्रिपाठी पूर्व में वाराणसी के सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके थे और वर्तमान में नागपुर के कविकुल गुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर कार्यरत थे।
डॉ. हरेराम त्रिपाठी का जन्म 1 अगस्त 1966 को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के फाजिलनगर तहसील अंतर्गत ग्राम चकिया में हुआ था। उन्होंने बघौचघाट, देवरिया पाठशाला से 11वीं तक पढ़ाई की और फिर काशी में संस्कृत शिक्षा में उच्च अध्ययन किया। उन्होंने प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी से न्यायशास्त्र का अध्ययन किया और शास्त्री एवं आचार्य की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की।
डॉ. त्रिपाठी न केवल अपने विश्वविद्यालय के छात्र रहे, बल्कि उसी विश्वविद्यालय के कुलपति भी बने। उन्होंने पहले श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में वरिष्ठ आचार्य (प्रो.) के रूप में कार्य किया। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 12 जून 2021 से 4 जून 2023 तक उन्होंने कुलपति का पद संभाला। उनका योगदान संस्कृत शिक्षा और अकादमिक नेतृत्व के क्षेत्र में महत्वपूर्ण माना जाता है।