नागपुर न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के नागपुर की रहने वाली 43 वर्षीय सुनीता जामगड़े ने गूगल मैप्स की मदद से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर पाकिस्तान में अवैध प्रवेश कर सबको हैरान कर दिया। यह घटना पिछले महीने लद्दाख के कारगिल जिले के हुंदरमन गांव के पास हुई, जो भारतीय सीमा के बेहद करीब है। पुलिस के मुताबिक, सुनीता ने पूछताछ में बताया कि उसने गूगल मैप्स से रास्ता ढूंढ़ कर सीमा पार की थी। इसके बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने उसे गिरफ्तार कर लिया और नौ दिन तक पूछताछ के बाद 23 मई को भारत को सौंप दिया गया।
सुनीता पहले एक नर्स थीं और अब कपड़े बेचने का काम करती हैं। वह 4 मई को अपने 12 वर्षीय बेटे के साथ नागपुर से अमृतसर पहुंची और 14 मई को हुंदरमन गांव के पास सीमा पार कर गईं। उन्होंने अपने बेटे को स्थानीय होटल में छोड़ दिया था। जांच में पता चला कि उनके मोबाइल में संदिग्ध ऐप भी मिला है, जिसे पुलिस फोरेंसिक जांच के लिए भेज रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं फोन में कोई चिप तो नहीं लगी है। सुनीता के पाकिस्तानी संपर्कों की भी जांच की जा रही है, खासकर दो व्यक्तियों जुल्फिकार और एक अनाम "पादरी" से।
सुनीता ने दावा किया कि वह पाकिस्तान में नौकरी की तलाश में गई थीं ताकि अपने बेटे के साथ वापस लौट सकें, लेकिन उनके बार-बार बदलते बयानों ने पुलिस को शक में डाल दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वे पहले भूटान और नेपाल जा चुकी हैं, जहां वीजा की जरूरत नहीं थी, इसलिए उन्हें लगा था पाकिस्तान भी ऐसा ही होगा। मार्च 2025 में भी सुनीता को बीएसएफ ने अटारी सीमा पर रोक लिया था और मानसिक स्थिति को लेकर सवाल उठाए थे। इस बार उनकी हरकतों ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुनीता के बेटे को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर नागपुर वापस लाया गया है, जहां उसका बयान भी दर्ज किया गया। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही हैं कि क्या सुनीता जासूसी या किसी अन्य गैरकानूनी गतिविधि में शामिल थी। नागपुर पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, लेकिन उनकी इस अनजान और असामान्य यात्रा ने सुरक्षा एजेंसियों में चिंता बढ़ा दी है।