नागपुर न्यूज डेस्क: भदोही के मर्चवार गांव में उस समय गहरा मातम छा गया जब गांव के रहने वाले जगदेव के पोते राजू की नागपुर में सड़क हादसे में मौत की खबर आई। 20 वर्षीय राजू नागपुर के एक गाड़ी शोरूम में काम करता था और रोज की तरह ही गुरुवार को काम पर निकला था। लेकिन दोपहर करीब 1 बजे एक सड़क दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया। अस्पताल ले जाने पर भी उसकी हालत नहीं सुधरी और शाम करीब 4 बजे उसने अंतिम सांस ली।
राजू के पिता हरिलाल पिछले 25 सालों से नागपुर में मेहनत-मजदूरी कर रहे हैं। उन्होंने वहीं घर भी बना लिया है और अपने तीन बेटों – भीम, अर्जुन और राजू – के साथ रहते थे। राजू सबसे छोटा बेटा था और परिवार की उम्मीदों का केंद्र भी। उसकी मौत ने परिवार की खुशियों को जैसे छीन लिया हो।
गांव में जैसे ही यह दुखद खबर पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। जगदेव के एक बेटे गांव में ही मजदूरी करते हैं जबकि हरिलाल नागपुर में ही बस गए थे। राजू की मौत की खबर मिलते ही गांव के लोग परिजनों को ढांढस बंधाने पहुंचे। किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा कि इतनी कम उम्र में राजू दुनिया छोड़ गया।
इस हादसे ने फिर एक बार लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे दूर शहरों में काम करने वाले ग्रामीण युवा, परिवार के सपनों का बोझ उठाते हुए अचानक किसी हादसे का शिकार हो जाते हैं और उनके पीछे एक टूटे हुए घर और बिखरे अरमान रह जाते हैं।