नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। मंगलवार रात से लेकर बुधवार सुबह तक महज 9 घंटे में करीब 172 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। इस वजह से शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है और बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं। नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कुछ सड़कों को बंद करना पड़ा है। नागपुर और वर्धा जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि विदर्भ के अन्य जिलों में भी मौसम विभाग ने चेतावनी दी है।
बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नागपुर और भंडारा में स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। नागपुर के जिलाधिकारी विपिन इटनकर ने कहा कि स्थिति पर नज़र रखी जा रही है और किसी भी आपात स्थिति के लिए प्रशासन तैयार है। वहीं, भंडारा में भी भारी बारिश के कारण आंगनवाड़ी, स्कूल और कॉलेज बंद रखे गए हैं। जिलाधिकारी डॉ. संजय कोलते ने आदेश जारी कर कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
राज्य सरकार ने भी हालात पर नजर बनाए रखी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद नागपुर के प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि NDRF और SDRF की टीमें तैयार हैं और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे घरों में ही रहें और जरूरी न हो तो बाहर न निकलें।
मौसम विभाग ने विदर्भ के अमरावती और यवतमाल जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और अकोला, वाशिम, बुलढाणा, चंद्रपूर, भंडारा और गोंदिया जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। लोगों को हिदायत दी गई है कि वे जलभराव वाली जगहों से दूर रहें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। प्रशासन की तरफ से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और ज़रूरत पड़ने पर राहत-बचाव कार्य शुरू किया जाएगा।