नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर पुलिस ने किराए के बैंक खातों में हुए करोड़ों रुपये के लेन-देन के मामले में बड़ा खुलासा किया है। क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया कि यह सिर्फ भारत तक सीमित धोखाधड़ी नहीं, बल्कि चीन और कंबोडिया तक फैला एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है। पुलिस के अनुसार, अवैध गतिविधियों से कमाया गया पैसा विदेशी खातों में ट्रांसफर किया गया, जिससे देश को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। नागपुर पुलिस कमिश्नर रविंद्र कुमार सिंगल ने बताया कि इस गिरोह में विदेशी अपराधी भी शामिल हैं, जो ऑनलाइन माध्यमों से पूरे नेटवर्क को नियंत्रित करते हैं।
क्राइम ब्रांच की यूनिट 4 ने राणाप्रतापनगर थाने में दर्ज एक केस की जांच के दौरान इस रैकेट का पर्दाफाश किया। पुलिस ने अब तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी लोगों के दस्तावेज लेकर उनके नाम पर बैंक खाते खोलते थे और फिर उन्हीं खातों का इस्तेमाल ऑनलाइन गेमिंग, सट्टेबाजी, अवैध लोन और हवाला जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में करते थे। हर खाते के जरिए करोड़ों रुपये का लेन-देन किया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि यह पूरा नेटवर्क टेलीग्राम एप्लिकेशन के जरिए चलता था। चीनी अपराधी अपने भारतीय साथियों को चीनी भाषा में निर्देश भेजते थे, जिनका अंग्रेजी में अनुवाद कर स्थानीय सदस्य उन्हें लागू करते थे। ये अपराधी किराए पर लिए गए बैंक खातों को एपीके फाइलों के जरिए यूज़र आईडी, पासवर्ड और ओटीपी से सक्रिय रखते थे। पुलिस के अनुसार, इस तरह से देश के कई हिस्सों में साइबर ठगी का जाल फैला हुआ है।
पुलिस ने इस मामले में बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनमें दर्जनों फर्जी फर्मों के प्रमाणपत्र, किराये के एग्रीमेंट, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, चेक बुक्स और एक लग्जरी कार शामिल है। अब तक ₹17.47 लाख का सामान जब्त किया गया है, जबकि ₹52.99 लाख विभिन्न बैंक खातों में फ्रीज किए गए हैं। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार, इस नेटवर्क से जुड़े खाते देशभर के 82 धोखाधड़ी मामलों से जुड़े हैं।