नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर के केंपटी रोड पर गुरुवार की रात अफरा-तफरी मच गई जब कुछ राइट-विंग एक्टिविस्ट और गौरक्षकों ने एक कथित अवैध चमड़ा प्रोसेसिंग यूनिट पर अचानक धावा बोल दिया। आरोप है कि यहां गौवंश के अवशेषों का बड़े पैमाने पर स्टोरेज और प्रोसेसिंग हो रही थी। यूनिट के भीतर दाखिल होते ही प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी और देखते ही देखते माहौल तनावपूर्ण हो गया।
पुलिस की जांच में करीब 27 टन कच्चा गाय का चमड़ा, हड्डियां, सींग और अन्य अवशेष मिले, जिनकी कीमत लगभग 3.5 लाख रुपये बताई जा रही है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ से आई एक ट्रक भी पकड़ी गई, जिसमें लगभग 2500 गाय की खालें भरी थीं। स्थानीय लोगों ने पिछले कई हफ्तों से बदबू को लेकर लगातार शिकायतें की थीं, जिसके बाद पुलिस भी इस यूनिट पर नज़र रख रही थी।
जब प्रदर्शनकारियों ने अंदर इतना बड़ा स्टॉक देखा तो माहौल और भड़क गया। उन्होंने गोदाम के फर्नीचर व सामान को तोड़ दिया और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। रात एक बजे तक दंगा नियंत्रण इकाइयाँ मौके पर पहुँच चुकी थीं, लेकिन दो समूहों के बीच तनाव इतना ज्यादा था कि पुलिस को कई घंटे तक बातचीत करके स्थिति संभालनी पड़ी। अंततः सुबह करीब छह बजे पुलिस ने गोदाम को सील कर दिया।
इस मामले में पुलिस ने गोदाम मालिक अब्दुल हाफिज शेख करीम, ट्रक ड्राइवर और क्लीनर पर महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम, बीएनएस, और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस कमिश्नर रविंदर सिंगाल ने इलाके में अतिरिक्त फोर्स तैनात की है ताकि सांप्रदायिक तनाव न बढ़े। साथ ही पुलिस ने साफ कहा है कि यदि मालिक तोड़फोड़ की शिकायत करता है, तो प्रदर्शनकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।