नागपुर न्यूज डेस्क: अमरावती जिले से आई एक मार्मिक घटना ने मेडिकल अस्पताल प्रशासन को भी झकझोर दिया। अपनी बेटी के इलाज के लिए अस्पताल आए एक वृद्ध व्यक्ति को ठग ने इंसानियत दिखाने की भारी सजा दे दी। बेटी के इलाज के लिए उधार लेकर पहुंचे बुजुर्ग भीमराव काकडे को एक अज्ञात व्यक्ति ने दवा के बहाने 1200 रुपये ले लिए और फिर गायब हो गया। जैसे ही उन्हें ठगी का अहसास हुआ, वे बेसुध होकर रोने लगे। मामला सामने आने पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे ने खुद मदद का हाथ बढ़ाया और वृद्ध को आर्थिक सहायता दी।
यह घटना शुक्रवार की बताई जा रही है, जब भीमराव वार्ड नंबर 48 के बाहर खड़े थे, जहां उनकी बेटी एक हफ्ते से भर्ती है। तभी एक व्यक्ति उनके पास आया और कहा कि उसका भी एक रिश्तेदार इसी वार्ड में भर्ती है और उसे दवा की जरूरत है, लेकिन फिलहाल पैसे नहीं हैं — आधे घंटे में लौटा देगा। दयालु स्वभाव के भीमराव ने तुरंत 1200 रुपये दे दिए, मगर वह व्यक्ति कभी वापस नहीं आया।
ठगी का पता चलने पर निराश भीमराव ने रोते हुए मेडिकल अधीक्षक कार्यालय का रुख किया। स्थिति समझते ही डॉ. गावंडे ने न केवल अपनी जेब से वृद्ध की मदद की, बल्कि स्टाफ को आदेश दिया कि उनकी बेटी का पूरा इलाज और दवाएं मुफ्त में दी जाएं। उन्होंने सुरक्षा कर्मियों को भी तत्काल फुटेज खंगालने और आरोपी की पहचान करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, पुलिस में शिकायत दर्ज करने की भी बात कही गई।
अस्पताल परिसर में रोजाना 15 हजार से ज्यादा लोगों की आवाजाही होती है — मरीज, उनके परिजन, डॉक्टर, विद्यार्थी और कर्मचारी। इस भीड़ में कुछ असामाजिक तत्व भी सक्रिय रहते हैं, जो ऐसे भोले-भाले और जरूरतमंद लोगों को निशाना बनाते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए हर रुपया कीमती होता है, लेकिन इस तरह की घटनाएं उनकी बेबसी को और बढ़ा देती हैं।