नागपुर न्यूज डेस्क: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने देश के पहले स्मार्ट और इंटेलिजेंट गांव के रूप में सातनवरी गांव के नाम की घोषणा की है। गांव में फाइबर-ऑप्टिक इंटरनेट, एआई-संचालित कृषि ऐप्स, सोलर पंप और ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण भारत को डिजिटल और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। किसान अब मोबाइल फोन के जरिए मिट्टी की स्थिति, मौसम का अनुमान और फसल प्रबंधन की जानकारी पा सकते हैं।
सिंचाई व्यवस्था में स्मार्ट सोलर पंप लगाए गए हैं, जिन्हें किसान मोबाइल से नियंत्रित कर सकते हैं। ड्रोन तकनीक से खाद और कीटनाशक का छिड़काव आसान हुआ है, जिससे समय की बचत होती है और उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है। शिक्षा में भी डिजिटल बदलाव आया है; स्कूलों में एआई-आधारित क्लासरूम और स्मार्ट बोर्ड लगाए गए हैं, जिससे बच्चों को शहर जैसी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
स्वास्थ्य सेवाओं में टेलीमेडिसिन सेंटर खोला गया है, जिससे ग्रामीण लोग ऑनलाइन डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। हर नागरिक को डिजिटल हेल्थ कार्ड भी दिया जाएगा। सुरक्षा और ऊर्जा प्रबंधन के लिए गांव में सीसीटीवी कैमरे और स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग सिस्टम लगाए गए हैं।
किसानों को सीधे ई-मार्केट और ऑनलाइन बैंकिंग से जोड़ा गया है, ताकि उनकी उपज का बेहतर दाम मिल सके। इस परियोजना को वायस ऑफ इंडियन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी इंटरप्राइजेज और महाराष्ट्र सरकार ने मिलकर साकार किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि आने वाले समय में हर तालुका के दस गांव इसी मॉडल पर विकसित किए जाएंगे। नागपुर अब ग्रामीण स्मार्ट विकास का केंद्र बन रहा है।