नागपुर न्यूज डेस्क: बिहार में लागू हो रहे मतदाता पंजीकरण कार्यक्रम को पूरे देश में लागू करने की बात हो रही थी, लेकिन इसी वजह से बिहार में बड़ा विवाद खड़ा हो गया। अंदेशा जताया जा रहा है कि अगर इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया गया तो वहां भी विरोध हो सकता है। इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मतदाता सूचियों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे केंद्रीय चुनाव आयोग अब ज्यादा सतर्क हो गया है।
महाराष्ट्र में जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनावों की तैयारियां तेज हो गई हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव आयोग को साफ निर्देश दिए हैं कि इन चुनावों में 1 जुलाई 2025 की मतदाता सूची का ही इस्तेमाल होगा। यानी सिर्फ वही लोग मतदान कर पाएंगे जिनके नाम इस तारीख तक की सूची में दर्ज हैं। माना जा रहा है कि अक्टूबर-नवंबर में पहले चरण के चुनाव संपन्न होंगे।
दरअसल, राज्य चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची का उपयोग करना चाहता था। लेकिन बाद में उसने केंद्रीय चुनाव आयोग से 1 जुलाई 2025 की मतदाता सूची को उपयोग में लाने की अनुमति मांगी। इस पर मंजूरी मिल गई है और अब यही सूची आधार बनेगी। सूत्रों के मुताबिक मतदाता सूची तैयार करने का काम एक निजी कंपनी को सौंपा गया था, जिसने सूची राज्य चुनाव आयोग को सौंप दी है। हालांकि अंतिम प्रमाणन केंद्रीय चुनाव आयोग से होना बाकी है।
इधर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महाराष्ट्र निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो चुका है। कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लेकर जारी विवाद का निपटारा करते हुए 27 प्रतिशत आरक्षण को हरी झंडी दे दी है। साथ ही निर्देश दिया है कि चुनाव वर्ष 2017 की प्रभाग रचना के आधार पर कराए जाएं। अब देखना यह होगा कि मतदाता सूची को लेकर विवादों के बीच महाराष्ट्र में निकाय चुनाव कब तक संपन्न हो पाते हैं।