नागपुर न्यूज डेस्क: नागपुर में मार्च 2025 में हुए दंगे के मुख्य आरोपित फहीम खान को शुक्रवार को कोर्ट से जमानत मिल गई है। माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) का नगर प्रमुख फहीम खान दंगे के समय शहर में कथित रूप से उकसावे की भूमिका में था। इस हिंसक घटना में 30 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे और 50 से ज्यादा गाड़ियाँ जलाई गई थीं। भीड़ ने एक DCP पर कुल्हाड़ी से हमला किया और महिला पुलिसकर्मी से छेड़छाड़ जैसी गंभीर वारदातें भी हुई थीं।
फहीम पर गणेशपेठ थाने में IPC की कई धाराओं के साथ-साथ विस्फोटक अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से जुड़ी धाराएं लगाई गई थीं। कोर्ट ने ₹1 लाख की सशर्त जमानत देते हुए उसे हर मंगलवार और शुक्रवार को पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगाने का निर्देश दिया है। फहीम को पहले ही दो अन्य मामलों में जमानत मिल चुकी थी।
कोर्ट के इस फैसले पर स्थानीय स्तर पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां एक ओर कानून के जानकार इसे कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस बल और आम नागरिकों में नाराजगी है। सोशल मीडिया पर यह सवाल उठ रहा है कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद ज़मानत कैसे मिली और क्या इससे गलत संदेश नहीं जाएगा?
यह जमानत राजनीतिक, सामाजिक और कानूनी क्षेत्रों में बहस का विषय बन गई है। फहीम खान की जमानत को लेकर लोगों में यह भी आशंका है कि क्या वह जांच में पूरी तरह सहयोग करेगा? या फिर यह मामला भी बाकी मामलों की तरह कानूनी पेचों में उलझ कर रह जाएगा?