प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में दो दिवसीय यात्रा पर मालदीव गए, जहां भारत और मालदीव के बीच कूटनीतिक और आर्थिक सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले जाने वाले 8 बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की उपस्थिति में ये समझौते साइन किए गए, जो दोनों देशों के बीच दोस्ताना रिश्तों को और मजबूत करेंगे। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और मालदीव की रणनीतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, ये समझौते द्विपक्षीय सहयोग के नए दौर की शुरुआत हैं।
4850 करोड़ रुपये की लाइन ऑफ क्रेडिट (LoC)
भारत ने मालदीव को 4850 करोड़ रुपये की लाइन ऑफ क्रेडिट देने का ऐलान किया, जो मालदीव की विकास परियोजनाओं और बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में सहायक होगा। खास बात यह है कि यह पहली बार है जब मालदीव को भारतीय करेंसी में लोन प्रदान किया गया है। इससे मालदीव की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलेगी और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को एक नया आयाम मिलेगा।
ऋण भुगतान की शर्तों में छूट
4850 करोड़ रुपये के लोन को लेकर एक संशोधित समझौता भी किया गया, जिसमें मालदीव को ऋण भुगतान की शर्तों में छूट दी गई है। इस कदम से मालदीव की आर्थिक स्थिरता को समर्थन मिलेगा और उसकी विकास परियोजनाओं पर सकारात्मक असर पड़ेगा। यह समझौता दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग की भावना को दर्शाता है।
मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर सहमति
भारत और मालदीव ने द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) की रूपरेखा तैयार की है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ेगा, जिससे मालदीव को भारतीय बाजारों तक आसान पहुंच मिलेगी और भारतीय उत्पादों के निर्यात में भी वृद्धि होगी। यह व्यापारिक सहयोग दोनों देशों के आर्थिक विकास के लिए लाभकारी साबित होगा।
मत्स्य पालन और जलकृषि में सहयोग
दोनों देशों ने मत्स्य पालन और जलकृषि के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भी एक MoU पर हस्ताक्षर किए। मालदीव की अर्थव्यवस्था में मत्स्य पालन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इस समझौते से इस क्षेत्र में नई तकनीकों और संसाधनों का आदान-प्रदान संभव होगा। इससे मालदीव के मत्स्य पालन उद्योग को मजबूती मिलेगी और ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।
मौसम विज्ञान में साझेदारी
मौसम विज्ञान के क्षेत्र में भी भारत और मालदीव के बीच साझेदारी का समझौता हुआ है। भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान और मालदीव मौसम सेवा विभाग के बीच यह सहयोग मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन को बेहतर बनाने में मदद करेगा। इस समझौते से दोनों देशों के लिए प्राकृतिक आपदाओं से निपटना आसान होगा, खासकर हिंद महासागर क्षेत्र में।
डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर सहयोग
डिजिटल तकनीकों और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इस पहल के तहत दोनों देश एक-दूसरे की डिजिटल तकनीकों का उपयोग कर पाएंगे, जिससे डिजिटल विकास और तकनीकी उन्नति में तेजी आएगी। यह समझौता मालदीव के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने के साथ-साथ भारत की तकनीकी क्षमताओं को क्षेत्रीय साझेदारी में बदलने का अवसर है।
इंडियन फार्माकोपिया की मान्यता
मालदीव ने भारतीय फार्माकोपिया को मान्यता देने पर सहमति जताई है। इससे भारतीय दवाओं का मालदीव में उपयोग और व्यापार सुगम होगा। इस समझौते से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा, और मालदीव में भारतीय दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
भारतीय UPI सेवा का विस्तार
भारत की लोकप्रिय UPI (Unified Payments Interface) सेवा को मालदीव में लागू करने के लिए भी समझौता हुआ है। इससे मालदीव के लोग भारत की UPI प्रणाली का इस्तेमाल करके ऑनलाइन भुगतान और ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। यह पहल दोनों देशों के नागरिकों के बीच आर्थिक लेन-देन को सरल और तेज बनाएगी।
स्थानीय मुद्रा में व्यापार
भारत और मालदीव ने स्थानीय मुद्रा में व्यापार बढ़ाने के लिए भी समझौता किया है। भारतीय रिजर्व बैंक और मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण के बीच इस समझौते के तहत भारतीय रुपये और मालदीवियन रूफिया में द्विपक्षीय व्यापार को प्रोत्साहित करने का ढांचा स्थापित किया गया है। यह समझौता नवंबर 2024 को हुआ था और जुलाई 2025 में इसे लागू किया गया, जो दोनों देशों के आर्थिक सहयोग का एक नया आयाम है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी के मालदीव दौरे और भारत-मालदीव के बीच इन आठ महत्वपूर्ण समझौतों ने द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है। ये समझौते दोनों देशों की विकास यात्रा को तेज करने, आर्थिक सहयोग को बढ़ाने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए नए रास्ते खोलेंगे।
भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के अनुरूप यह साझेदारी क्षेत्र में शांति, विकास और सहयोग की मिसाल बनेगी, जिससे हिंद महासागर क्षेत्र के अन्य देशों को भी लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से भारत-मालदीव संबंधों में एक नया अध्याय शुरू हुआ है, जो आने वाले वर्षों में दोनों देशों के लिए फायदे का सौदा साबित होगा।