चीन की सीमा के पास रूस के अमूर क्षेत्र में हाल ही में हुए एक विमान दुर्घटना ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया है। रूस का यात्री विमान एएन-24 (Antonov An-24) दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सवार सभी 48 लोगों की मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें विमान क्रैश होने से पहले आग पकड़ने के बाद कुछ दूरी तक अनियंत्रित उड़ान भरता हुआ दिखाई दे रहा है। इसके बाद विमान जमीन पर गिर जाता है।
हादसे की शुरुआत और वीडियो का सच
वायरल वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि विमान में आग लगने के बाद पायलट उसे संभालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कुछ सेकंड के भीतर विमान का नियंत्रण टूट जाता है और वह अनियंत्रित होकर जंगल में जा गिरता है। यह हादसा रूस के दूरस्थ पूर्वी इलाके अमूर में हुआ, जो चीन की सीमा के निकट है।
संपर्क टूटने के बाद शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन
अमूर क्षेत्र के गवर्नर वासिली ओरलोव ने बताया कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से विमान का संपर्क अचानक टूट गया, जिससे हड़कंप मच गया। बताया गया कि विमान अपने लैंडिंग स्थल के काफी करीब था, तभी अचानक रडार से गायब हो गया। इसके बाद तुरंत खोज अभियान शुरू किया गया। जब सर्च टीम मौके पर पहुंची तो उन्होंने विमान के धुंआ और आग की लपटें देखीं। इस दुर्घटना में विमान में सवार सभी 48 लोगों की जान चली गई थी।
हादसा कैसे हुआ?
सूत्रों के मुताबिक, विमान की लैंडिंग के दौरान ब्लैक बॉक्स वाले हिस्से में आग लग गई थी। इससे पायलट विमान को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे थे, लेकिन विफल रहे। विमान के अनियंत्रित हो जाने के कारण वह सीधे जंगल में जाकर गिर गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह विमान रूस की राजधानी मॉस्को से लगभग 7000 किलोमीटर दूर क्रैश हुआ था। इस विमान को साइबेरिया की अंगारा एयरलाइंस ऑपरेट कर रही थी।
मृतकों में थे कितने यात्री और क्रू मेंबर?
विमान में सवार कुल 48 लोगों की मौत हुई है, जिनमें यात्री और क्रू मेंबर दोनों शामिल हैं। इस विमान दुर्घटना की वजह से पूरे रूस में शोक की लहर दौड़ गई है।
विमान दुर्घटना और सुरक्षा की चुनौती
रूस में विमान दुर्घटनाएं दुर्लभ नहीं हैं, लेकिन यह हादसा इस साल की सबसे बड़ी हवाई आपदाओं में से एक माना जा रहा है। अमूमन ऐसी दुर्घटनाएं पायलट की गलती, तकनीकी खराबी या खराब मौसम की वजह से होती हैं। फिलहाल इस दुर्घटना की जांच जारी है ताकि सही कारणों का पता चल सके।
हाल की अन्य हवाई दुर्घटना: अहमदाबाद प्लेन क्रैश
इस घटना से कुछ दिन पहले ही, भारत में भी एक बड़ा विमान हादसा हुआ था। 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट टेक ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में करीब 270 लोगों की मौत हो गई, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। यह हादसा भी देश में हवाई सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाता है।
विमान दुर्घटना का प्रभाव
इस विमान हादसे ने रूस और आसपास के क्षेत्रों में हवाई यात्रा के प्रति लोगों का भरोसा थोड़ा कम कर दिया है। साथ ही, यह दुर्घटना विमानन सुरक्षा की समीक्षा के लिए एक चेतावनी भी है। एयरलाइंस कंपनियों और विमानन विभागों को अपने फ्लाइट ऑपरेशन और तकनीकी में सुधार करने की जरूरत है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
आगे की कार्रवाई और जांच
रूसी विमानन अधिकारियों ने इस दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आग कैसे लगी, क्या तकनीकी खराबी थी या पायलट ने कुछ गलत निर्णय लिया। ब्लैक बॉक्स से मिली जानकारी जांच में महत्वपूर्ण साबित होगी। इसके अलावा, विमान के रख-रखाव और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के रिकॉर्ड्स भी जांचे जा रहे हैं।
निष्कर्ष
चीन सीमा के पास रूस में हुए इस विमान हादसे ने एक बार फिर हवाई सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। 48 लोगों की जान चली जाना एक बड़ी त्रासदी है, जो सभी के लिए चिंताजनक है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से हादसे की भयावहता सामने आई है, जो दिल दहलाने वाला है। इस दुर्घटना की पूरी जांच होना और दोषियों को जिम्मेदार ठहराना आवश्यक है ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे कम हों और यात्रियों की सुरक्षा बेहतर हो।
साथ ही, हम सभी को यह भी याद रखना चाहिए कि हवाई यात्रा सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी हैं, ताकि यात्रियों को दुर्घटना के भय से मुक्ति मिल सके और वे भरोसे के साथ अपनी यात्रा कर सकें।