दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित टेक कंपनियों में से एक एप्पल (Apple) ने अपनी संरचना में बड़ा फेरबदल करने का फैसला लिया है। कंपनी ने घोषणा की है कि वह आने वाले समय में अपनी सेल्स टीम का आकार छोटा करेगी। इस निर्णय के कारण कई कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। वैश्विक टेक सेक्टर में छंटनी की बढ़ती लहर के बीच एप्पल का यह कदम उद्योग जगत के लिए संकेत है कि चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिस्थितियों का असर अब दिग्गज कंपनियों पर भी पड़ रहा है।
कंपनी ने दी सफाई—अन्य विभागों में हायरिंग जारी रहेगी
समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में एप्पल के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि छंटनी केवल सेल्स टीम तक ही सीमित रहेगी। उन्होंने बताया कि कंपनी अपनी अन्य टीमों में हायरिंग जारी रखेगी और सेल्स टीम से निकाले गए कर्मचारी चाहें तो एप्पल के भीतर ही अन्य पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रवक्ता के अनुसार, यह निर्णय कंपनी के लॉन्ग-टर्म ऑपरेशन मॉडल का हिस्सा है और इसका उद्देश्य टीमों की दक्षता बढ़ाना तथा संसाधनों का बेहतर उपयोग करना है।
ब्लूमबर्ग का दावा—अकाउंट मैनेजर्स पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर
ब्लूमबर्ग न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया है कि एप्पल का यह निर्णय उन कर्मचारियों को सबसे अधिक प्रभावित करेगा जो अलग-अलग व्यवसायों, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करते हैं। इनमें बड़ी संख्या में अकाउंट मैनेजर्स शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल की सेल्स संरचना में ये कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन कंपनी की नई रणनीति में कई स्तरों को कम करके टीम को अधिक कॉम्पैक्ट और कार्यक्षम बनाने की योजना है।
सरकारी सेल्स टीम में होगी सबसे ज्यादा कटौती
एप्पल की सरकारी सेल्स टीम पर सबसे अधिक असर पड़ने वाला है। यह टीम अमेरिकी सरकारी एजेंसियों—जैसे डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस (DoD) और डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DoJ)—के साथ तकनीकी समाधान और प्रोजेक्ट्स पर काम करती है। अब इस विभाग के दर्जनों कर्मचारियों को छंटनी का डर सताने लगा है। सरकारी विभागों के साथ काम करने वाली इस टीम को कंपनी लंबे समय से महत्व देती आई है, लेकिन हाल की परिस्थितियों के कारण इसकी संरचना में बड़ा परिवर्तन किया जा रहा है।
अमेरिकी शटडाउन का पड़ा असर
हाल ही में अमेरिका में 43 दिनों तक शटडाउन रहा, जिसके कारण सरकारी प्रोजेक्ट्स में देरी हुई और कई कॉन्ट्रैक्ट भी रुक गए। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इसी शटडाउन ने एप्पल की सरकारी सेल्स टीम पर सीधा असर डाला है। कंपनी को महत्वपूर्ण वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ा, जिसके चलते टीम को छोटा करना एक अनिवार्य कदम बन गया।
अन्य टेक कंपनियां भी कर रही कटौती
एप्पल पहली ऐसी कंपनी नहीं है जो अपनी टीमों का आकार घटा रही हो। इससे पहले वेरिजॉन, सिनोप्सिस और आईबीएम (IBM) जैसे बड़े टेक दिग्गज भी छंटनी की घोषणा कर चुके हैं। आर्थिक अनिश्चितता, घटती मांग और तकनीकी दिशा में बदलाव कंपनियों को अपनी आंतरिक संरचनाओं में नए सिरे से सुधार करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।