राजनाथ सिंह के बयान से पाकिस्तान में सियासी भूचाल: सिंध को लेकर गर्माई बहस

Photo Source :

Posted On:Tuesday, November 25, 2025

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया बयान ने पाकिस्तान के राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी है। एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सिंध सांस्कृतिक और सभ्यतागत रूप से हमेशा भारत की धारा का हिस्सा रहा है, और इतिहास में सीमाओं का बदलना कोई नया नहीं है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में क्या होगा, यह पहले से तय नहीं किया जा सकता। उनके इस बयान को पाकिस्तान में संभावित राजनीतिक संकेत के रूप में देखा गया है।

पाकिस्तान में बढ़ी बेचैनी, CM मुराद अली शाह की तीखी प्रतिक्रिया

राजनाथ सिंह के बयान पर सबसे कड़ी प्रतिक्रिया सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह की ओर से आई। उन्होंने भारतीय रक्षा मंत्री की टिप्पणी को

  • असंगत,

  • गैर-तथ्यात्मक,

  • निराधार कल्पना

मुराद अली शाह ने कहा कि सिंध पाकिस्तान का मजबूत और अभिन्न प्रांत है, जिसकी अपनी विशिष्ट भाषा, संस्कृति और पहचान है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि भारत के नेता दिन में सपने देखना छोड़ दें क्योंकि सिंध को पाकिस्तान से अलग करने की कोई भी संभावना केवल ‘कल्पना’ की दुनिया में ही संभव है।

सिंध की ऐतिहासिक पहचान और राजनीतिक संदर्भ

सिंध की राजनीतिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को लेकर पाकिस्तान अपनी स्थिति को तथ्यात्मक बताते हुए कहता है कि

  • सिंध को 1936 में ब्रिटिश शासन ने बॉम्बे प्रेसिडेंसी से अलग एक स्वतंत्र प्रशासकीय इकाई के रूप में स्थापित किया था।

  • उस समय पाकिस्तान का गठन नहीं हुआ था, इसलिए सिंध का गठन केवल भारत के संदर्भ में देखने का दावा गलत है।

हालांकि यह भी सच है कि सिंध क्षेत्र की संस्कृति, लोक परंपराएं और ऐतिहासिक विरासत का एक बड़ा हिस्सा भारत की प्राचीन सभ्यता से जुड़ा रहा है। विभाजन से पहले सिंध में हिंदुओं की बड़ी आबादी थी और आज भी सिंध में पाकिस्तान में हिंदुओं की सबसे बड़ी जनसंख्या निवास करती है।

राजनाथ सिंह का बयान क्यों माना जा रहा है राजनीतिक?

राजनाथ सिंह ने कहा कि सभ्यतागत रिश्ते सीमा रेखाओं से नहीं बंधते। उनका संकेत था कि

  • सिंध सांस्‍कृतिक रूप से भारत की परंपरा से कटकर नहीं गया है,

  • सिंधी हिंदुओं का विभाजन का दर्द आज भी जिंदा है,

  • और आने वाले समय में सीमाएं भी बदल सकती हैं।

इन टिप्पणियों को पाकिस्तान में भारत की संभावित कूटनीतिक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। कई राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह बयान पाकिस्तान के अंदरूनी मुद्दों, खासकर सिंध प्रांत में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों, राष्ट्रवादी आंदोलनों और आर्थिक संकट के बीच एक "सॉफ्ट पॉलिटिकल सिग्नल" भी हो सकता है।


नागपुर और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. nagpurvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.